Friday, June 4, 2021

फिरोजशाह तुगलक || Tughlaq dynasty- itsdpktym



फिरोजशाह तुगलक मुहम्मदबिन तुगलक के भाई थे । 13 मार्च 1351 ई को मुहम्मदबिन तुगलक की मृत्यु के बाद थट्टा  मे फिरोजशाह तुगलक का राज्य अभिषेक हुआ । पुनः अगस्त 1351 ई मे दिल्ली में इनका राज्याभिषेक हुआ । इन्हे कासिम अमीर उल मोमिन की उपाधि मिली थी ।

फिरोजशाह तुगलक मुख्य कार्य :-

फिरोजशाह तुगलक


Ø  24 कष्टदायक करों को हटकर मात्र चार करों को रखा था :-

 

·         खराज कर(लगान )

·         खुम्स कर (लूट के धन )

·         जाजीया  कर

·         जकात कर

Ø  फिरोजशाह तुगलक पहले राजा  थे जिसने ब्राह्मणों पर जाजीया  कर  लगाया था । सिचाई कर को फिरोजशाह तुगलक ने लगाया था , वो उपज का  1/10 भाग लेता था ।

Ø  सिचाई के लिए 5 नहरों का निर्माण कराया था ।

Ø  फिरोजशाह तुगलक ने 300 नगरों  का निर्माण कराया था ।

जिसमे 5 प्रमुख थे :-  

·         हिसार

·         फीरोजाबाद (दिल्ली में )

·         फतेहाबाद

·         जौनपुर

·         फिरोजपुर

Ø  खीजराबाद (टोपर गाँव ) एवं मेरठ से अशोक के दो स्तंभों को लाकर दिल्ली में स्थापित किया था ।

Ø  फिरोजशाह तुगलक ने दो मुख्य विभागों का गठन किया था :-

दीवान –ए – खेरात

इस विभाग में मुसहलीं अनाथ महिलाओं , विधवाओं को शरण दी जाती थी । 


दिवान –ए-बंदगान

गुलामों की देखभाल दीवाने बंदगान के अंतर्गत होती थी । 


 


Ø  सल्तनतकालीन में फिरोजशाह तुगलक ऐसे एक मात्र शासक थे जिनके पास सबसे अधिक गुलाम थे ।

                गुलामों की संख्या 1,80,000  थी ।

Ø  अलउद्दीन खिलजी ने सेनीयपदों को स्थायी करत दिया था और फिरोजशाहतुगलक ने  ईसे वंशानुगत करत दिया था ।

फिरोजशाह तुगलक की रचनाएं :-

·         फिरोजशाह तुगलक ने अपनी आत्मकथा फ़तूहात –ए – फिरोजशाही की रचना की ।

·         ज्वालामुखी मंदिर से 1300 ग्रंथों को लूटकर  उपाउद्दीन के द्वारा फारषी  मे अनुवाद कराया गया , जिसका नाम दलायाते फिरोजशाही रखा गया ।

·         फिरोजशाह तुगलक द्वारा तांबे से बने सिक्कों को चलाया गया जिसे अद्ध एवं विख कहा गया ।

·         दिल्ली में कोटला फिरोजशाह दुर्ग का निर्माण कराया  गया ।

·         खां –ए-जहां तेलंगाना मस्जिद का  निर्माण फिरोजशाह के काल में हुआ था जिसकी तुलना जेरूसलम के उम्र के मस्जिद से की जाती है ।

·         फिरोजशाह तुगलक ने  जियाउद्दीन बरनी एवं शम्स – ए- शिराज  को अपने यह शरण दी थी ।

·         1378 में फिरोजशाह तुगलक की मृत्यु हुई थी ।

 

 


 


Labels: , ,

0 Comments:

Post a Comment

Subscribe to Post Comments [Atom]

<< Home