फिरोजशाह तुगलक || Tughlaq dynasty- itsdpktym
फिरोजशाह तुगलक मुहम्मदबिन
तुगलक के भाई थे । 13 मार्च 1351 ई को मुहम्मदबिन तुगलक की मृत्यु के बाद थट्टा मे फिरोजशाह तुगलक का राज्य अभिषेक हुआ । पुनः अगस्त
1351 ई मे दिल्ली में इनका राज्याभिषेक हुआ । इन्हे कासिम अमीर उल मोमिन की उपाधि मिली
थी ।
फिरोजशाह तुगलक मुख्य कार्य :-
फिरोजशाह तुगलक |
Ø
24 कष्टदायक
करों को हटकर मात्र चार करों को रखा था :-
·
खराज कर(लगान
)
·
खुम्स कर
(लूट के धन )
·
जाजीया
कर
·
जकात कर
Ø
फिरोजशाह
तुगलक पहले राजा थे जिसने ब्राह्मणों पर जाजीया
कर लगाया था । सिचाई कर को फिरोजशाह तुगलक ने लगाया
था , वो उपज का 1/10 भाग लेता था ।
Ø
सिचाई के
लिए 5 नहरों का निर्माण कराया था ।
Ø
फिरोजशाह
तुगलक ने 300 नगरों का निर्माण कराया था ।
जिसमे 5 प्रमुख थे :-
·
हिसार
·
फीरोजाबाद
(दिल्ली में )
·
फतेहाबाद
·
जौनपुर
·
फिरोजपुर
Ø
खीजराबाद
(टोपर गाँव ) एवं मेरठ से अशोक के दो स्तंभों को लाकर दिल्ली में स्थापित किया था ।
Ø
फिरोजशाह
तुगलक ने दो मुख्य विभागों का गठन किया था :-
दीवान –ए – खेरात इस विभाग में मुसहलीं अनाथ महिलाओं , विधवाओं को शरण दी जाती थी । |
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दिवान –ए-बंदगान गुलामों की देखभाल दीवाने बंदगान के अंतर्गत होती
थी । |
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Ø
सल्तनतकालीन
में फिरोजशाह तुगलक ऐसे एक मात्र शासक थे जिनके पास सबसे अधिक गुलाम थे ।
गुलामों की संख्या 1,80,000 थी ।
Ø
अलउद्दीन
खिलजी ने सेनीयपदों को स्थायी करत दिया था और फिरोजशाहतुगलक ने ईसे वंशानुगत करत दिया था ।
फिरोजशाह तुगलक की रचनाएं
:-
·
फिरोजशाह
तुगलक ने अपनी आत्मकथा फ़तूहात –ए – फिरोजशाही की रचना की ।
·
ज्वालामुखी
मंदिर से 1300 ग्रंथों को लूटकर उपाउद्दीन
के द्वारा फारषी मे अनुवाद कराया गया , जिसका
नाम दलायाते फिरोजशाही रखा गया ।
·
फिरोजशाह
तुगलक द्वारा तांबे से बने सिक्कों को चलाया गया जिसे अद्ध एवं विख कहा गया ।
·
दिल्ली
में कोटला फिरोजशाह दुर्ग का निर्माण कराया
गया ।
·
खां –ए-जहां
तेलंगाना मस्जिद का निर्माण फिरोजशाह के काल
में हुआ था जिसकी तुलना जेरूसलम के उम्र के मस्जिद से की जाती है ।
·
फिरोजशाह
तुगलक ने जियाउद्दीन बरनी एवं शम्स – ए- शिराज को अपने यह शरण दी थी ।
·
1378 में
फिरोजशाह तुगलक की मृत्यु हुई थी ।
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