विजयनगर साम्राज्य - vijaynagar dynasty - itsdpktym vijya nagar samrajya
विजयनगर साम्राज्य
विजय नगर साम्राज्य की स्थापना हरिहर और बुक्का ने - विद्यानंद की आशीर्वाद
से 1336 ई को की थी ।
हरिहर और बुक्का उससे पहले काकतीय नरेश -प्रताप रुद्रदेव के सामंत थे ।
विजय नगर की राजधानी- हम्पी थी ।
विजय नगर की राज्य भाषा - तेलुगु थी ।
विजय नगर का शाब्दिक अर्थ है:- जीत का शहर ।
विजय नगर साम्राज्य में निम्न वंशों ने शाशन किया :-
1.
संगम
वंश
2.
सालूब
वंश
3.
तुलूब
वंश
4.
अराविडु
वंश
संगम वंश
संगम वंश की स्थापना हरिहर और बुक्का ने किया था ,
इस वंश का नाम उनके पिता संगम के नाम पर रखा गया था ।
संगम वंश के निम्न शासक रहे है :- 1. हरिहर
2. बुक्का
प्रथम
3. हरिहर
द्वितीय
4. देवराय
प्रथम
5.देवराय
द्वितीय
6. मल्लिकार्जुन
7. विरूपाक्ष
बुक्का प्रथम :- बुक्का प्रथम ने वेदमार्ग प्रतिस्थापक की उपाधि धरण की थी ।
हरिहर द्वितीय :- हरिहर द्वितीय संगम वंश का पहला शासक था जिसने महाधिराज की उपाधि
की थी ।
देवराय प्रथम :- देवराय प्रथम ने तुंगभद्रा नदी पर बांध बनवाया ।
ताकि नहरों को शहरों तक ले जाया जा सके ।
·
हरिद्रा
नदी पर भी बांध बनवाया था ।
·
इन्ही के
कार्यकाल मे इटली के यात्री निकोलो कॉन्टी
विजयनगर यात्रा पर आए थे ।
देवराय द्वितीय
:- देवराय द्वितीय संगम वंश के सबसे प्रतापी राजा थे ।
·
इन्होंने
अपनी सेना मे 2000 मुस्लिम सेना को सामील किया था एवं उनको जगिरे भी दी थी ।
·
उपाधि
: इमड़िदेवराय एवं गजबेटकर की उपाधि मिली थी
। गजबेटकर का अर्थ होता है हाथियों का शिकार करने वाला ।
·
इनके शासन काल मे फारशी
यात्री अब्दुल रज्जाक विजयनगर आया था ।
·
देवराय
द्वितीय ने संस्कृत ग्रंथ महानाटक सुधानिधि एवं ब्रह्मपुत्र पर माहभासीय लिखा था ।
मल्लिकार्जुन :- प्रोढ़ देवराय
की उपाधि धरण की थी ।
विरूपाक्ष
:- संगम वंश का अंतिम शासक था।
Labels: ancient history of india, history, prachin bharat, vijaynagar samrajya
1 Comments:
Dude!! Keep it up
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