Tuesday, May 25, 2021

विजयनगर साम्राज्य - vijaynagar dynasty - itsdpktym vijya nagar samrajya

 

विजयनगर साम्राज्य

विजय नगर साम्राज्य की स्थापना   हरिहर और बुक्का ने - विद्यानंद की आशीर्वाद से 1336 ई को की थी ।

हरिहर और बुक्का उससे पहले काकतीय नरेश  -प्रताप रुद्रदेव  के सामंत थे ।

विजय नगर की राजधानी- हम्पी थी ।

विजय नगर की राज्य भाषा - तेलुगु थी ।

विजय नगर का शाब्दिक अर्थ है:- जीत का शहर ।

 


 

विजय नगर साम्राज्य में निम्न वंशों ने  शाशन किया :-

1.   संगम वंश

2.   सालूब वंश

3.   तुलूब वंश

4.   अराविडु वंश  

 

संगम वंश

संगम वंश की स्थापना हरिहर और बुक्का ने किया था , इस वंश का नाम उनके पिता संगम के नाम पर रखा गया था ।

संगम वंश के निम्न शासक रहे है :- 1. हरिहर

2. बुक्का प्रथम

3. हरिहर द्वितीय

4. देवराय प्रथम

5.देवराय द्वितीय

6. मल्लिकार्जुन

7. विरूपाक्ष

 

बुक्का प्रथम :- बुक्का प्रथम ने वेदमार्ग प्रतिस्थापक की उपाधि धरण की थी ।

हरिहर द्वितीय :- हरिहर द्वितीय संगम वंश का पहला शासक था जिसने महाधिराज की उपाधि की थी ।  

देवराय प्रथम :-     देवराय प्रथम ने तुंगभद्रा नदी पर बांध बनवाया । ताकि नहरों को शहरों तक ले जाया   जा  सके ।

·         हरिद्रा नदी पर भी  बांध बनवाया था ।

·         इन्ही के कार्यकाल मे इटली के यात्री निकोलो कॉन्टी  विजयनगर यात्रा पर आए थे ।

 

 

विजयनगर साम्राज्य

देवराय द्वितीय :- देवराय द्वितीय संगम वंश के सबसे प्रतापी राजा  थे ।

·         इन्होंने अपनी सेना मे 2000 मुस्लिम सेना को सामील किया था एवं उनको जगिरे भी दी थी ।

·         उपाधि :   इमड़िदेवराय एवं गजबेटकर की उपाधि मिली थी । गजबेटकर का अर्थ होता है हाथियों का शिकार करने वाला ।

·          इनके शासन काल  मे  फारशी यात्री अब्दुल रज्जाक विजयनगर आया था ।

·         देवराय द्वितीय ने संस्कृत ग्रंथ महानाटक सुधानिधि एवं ब्रह्मपुत्र पर माहभासीय  लिखा था ।

मल्लिकार्जुन :-   प्रोढ़  देवराय की उपाधि धरण की थी ।

विरूपाक्ष :-  संगम वंश का अंतिम शासक था।

 

 

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1 Comments:

At June 18, 2021 at 1:19 AM , Blogger Unknown said...

Dude!! Keep it up

 

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