Tuesday, June 29, 2021

भौतिक राशियां।। Physical quantities-itsdpktym

 राशि :- भौतिक राशियों में राशि जिसे संख्या के रूप में प्रकट किया जा सके, उसे राशि कहते हैं। जैसे- जनसंख्या ,आयु, वस्तु का भार, मेज की लंबाई आदि,।

भौतिक राशियां :- भौतिक के नियमों जिन्हें राशियों के रूप में व्यक्त किया जाता है ,उन्हें भौतिक राशियां कहते हैं। जैसे:- वस्तु का द्रव्यमान ,लंबाई ,चाल ,दूरी ,विद्युत धारा ,घनत्व आदि।



भौतिक राशियां दो प्रकार की होती है :-

१.अदिश राशि 

२.सदिश राशि


अदिश राशि :- वैसी भौतिक राशियां जिनमें केवल परिणाम होता है दिशा नहीं होती उन्हें अदिश राशि कहा जाता है।

जैसे-

 द्रव्यमान, घनत्व ,तापमान ,विद्युत धारा ,चाल, आयतन का,आदि।

सदिश राशि,:- वैसी भौतिक राशियां जिनमें परिणाम के साथ साथ दिशाएं भी होती है और जो योग के निश्चित नियमों के अनुसार जोड़ी जाती है उन्हें सतीश राशि कहा जाता है।

जैसे:-वेग, विस्थापन ,बल ,रेखीय संवेग ,कोनिया विस्थापन ,कोनिया वेग,  त्वरण ,बल ,आघूर्ण ,चुंबकीय क्षेत्र प्रेरण, चुंबकीय क्षेत्र की तीव्रता, चुंबकीय तीव्रता, चुंबकीय आघूर्णन ,विद्युत तीव्रता, विद्युत धारा ,घनत्व , विद्युत ध्रुवण ,चालप्रवणता, प्रवणता आदि।

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Thursday, June 24, 2021

Jharkhand ki pramukh Nadiyan -Jharkhand Rever -झारखण्ड की प्रमुख नदियां

1 झारखंड की नदियां कैसी​ नदियां हैं।

- बरसाती

Jharkhand ke nadi tantra



 2, प्रवाह की दिशा के अनुसार झारखंड की नदियों को कितने भागों में बांटा गया है।

- दो भागों में उत्तरवर्ती नदियां एवं पूर्ववर्ती या दक्षिणवर्ती नदियां


 3, झारखंड की सबसे बड़ी उम्र लंबी नदी कौन सी है। दामोदर 4 दामोदर नदी की लंबाई झारखंड में कितनी है।

- 290 किलोमीटर 


 5, दामोदर नदी कहां से निकलती है।

-चूल्हा पानी टोरी ( लातेहार )


 6 कौन सी नदी बंगाल का शोक के नाम से जानी जाती थी।

- दामोदर 


7, झारखंड की सर्वाधिक प्रदूषित नदी कौन सी है।

- दामोदर


 8, झारखंड के किस नदी को देव नदी के नाम से भी जाना जाता है। 

- दामोदर


 9, बराकर बोकारो कोनार भेड़ा किसकी सहायक नदी है।

- दामोदर 


10, झारखंड के एकमात्र नदी जो स्वतंत्र रूप से बंगाल की खाड़ी में गिरती है।

- स्वर्णरेखा 

jharkhand ka rivers

damoder river


11, स्वर्णरेखा नदी की मूल जगह है।.                                               

- छोटा नागपुर पठार 


12, जमशेदपुर किस नदी के किनारे अवस्थित है। 

- स्वर्णरेखा खरकाई


 13, स्वर्णरेखा नदी कहां से निकलती है।

- नगड़ी रांची 


14, झारखंड की कौन सी नदी दक्षिण पूर्व की ओर प्रवाहित होती है। 

-स्वर्णरेखा   


15, झारखंड के किस नदी के रेत में सोना पाया जाता है।

- स्वर्णरेखा


  16, जुमार रारु खरकाई एवं संजय किसकी सहायक नदी है।

- स्वर्णरेखा


 17, बराकर नदी कहां से निकलती है।

- हजारीबाग 


18, बराकर नदी का उल्लेख किस ग्रंथ में मिलता है।

- बौद्ध एवं जैन ग्रंथ 


19, धनबाद एवं गिरिडीह किस नदी के तट पर बसा हुआ है।

- दामोदर


 20, सोन नदी कहां से निकलती है।

- अमरकंटक की पहाड़ी


 21, सोन नदी झारखंड के किस जिले में सर्वप्रथम प्रवेश करती है।

- गढ़वा


 22, उत्तरी कोयल किसकी सहायक नदी है। 

-सोन नदी की


 23, उत्तरी कोयल नदी कहां से निकलती है। 

-पिस्का रांची


 24, औरंगा एवं अमानत नदी किसकी सहायक नदी है।

- उत्तरी कोयल 


25, औरंगा नदी किस जिले से निकलती है।

- गढ़वा 


26, अमानत नदी कहां से निकलती है।

- हजारीबाग 


27, दक्षिण कोयल नदी कहां से निकलती है।

- नगड़ी रांची 


28, दक्षिणी कोयल की सबसे बड़ी सहायक नदी है।

- कारो


 29, शंख नदी का उद्गम स्थल है।

- गुमला 


30, चीरा लावा केदार तथा कोक किसकी सहायक नदी है।

- शंख नदी


 31, शंख एवं दक्षिणी कोयल नदी कहां एक दूसरे से मिलती है।

- उड़ीसा में


 32, मोर मयूराक्षी नदी का उद्गम स्थल है।

- तिउड़ पहाड़ी देवघर


 33, मयूराक्षी नदी अपनी प्रारंभिक अवस्था में किस नाम से जानी जाती है।

- मोतिहारी


 34, पिपरा, भामरी, धोवाई, सिध,दउना,मुनबिल,पुसरो,किसकी सहायक नदी है।

- मयूराक्षी नदी 


35, गुमानी नदी कहां से निकलती है।

- राजमहल की पहाड़ी

jharkhand important rivers

jharkhand rivers


 36, गुमानी की सहायक नदी है।

- मेरेल 


37, ब्राह्मणी नदी कहां से निकलती है।

- दुधवा पहाड़ी दुमका है


 38, गुमरो एवं एरो किसकी सहायक नदी है।

- ब्राह्मणी 


39, बांसलोई नदी का उद्गम स्थल है।

- बांस पहाड़ गोड्डा


40, फल्गु नदी का उद्गम स्थल है। 

-छोटा नागपुर का पठार


 41, किस नदी की मुख्यधारा का नाम निरंजना या लीला जन है।

- फल्गु नदी का


 42, सकरी नदी कहां से निकलती है।

- छोटा नागपुर का पठार


 43, किस नदी को रामायण में सुगम सुमागधी कहा गया।

- सकरी


 44, चानन पंचानन नदी कहां से निकलती है।

- छोटा नागपुर का पठार


 45, अजय नदी कहां से निकलती है।

- मुंगेर बिहार


 46, पथरो एवं जयंती किसकी सहायक नदी है।

- अजय


 47, गंगा नदी झारखंड के किस जिले से होकर गुजरती है।

- साहेबगंज


 48 गंगा नदी झारखंड के कितने जिलों में बहती है।

- 1 एक


 49, स्वर्णरेखा नदी का अपवाह क्षेत्र कितना वर्ग किलोमीटर है। 

-11,868 वर्ग किलोमीटर 


50, दामोदर नदी का अपवाह क्षेत्र कितना वर्ग किलोमीटर है। 

-12,800 वर्ग किलोमीटर

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Sad shayari - Tu Dhadkan h meri - itsdpktym


 तू धड़कन है मेरी तेरे चलने से मेरे सांसे चलती है।

रूह तक कांप जाती है मेरी ,

जब तू बिना बात किये मेरे सामने से निकलती है।।

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Saturday, June 19, 2021

एहसास कुछ खास नहीं है।Ehsas kuchh khas nhi hai - sad shayari-ITSDPKTYM

Itsdpktym ITSDPKTYM



 आज एहसास कुछ खास नहीं है,

जिसका इंतजार है वह वक्त मेरे पास नहीं है।।

तानों ने जमाने के हर शख्स को बोलना सिखाया है,

काम का ना काज का दुश्मन अनाज का दिन-रात यही बताया है।। 

खैरतुम अनजान हो,

महान होके भी नादान हो।

बोल तुम्हारे होठों के मेरे कमजोर होने के प्रमाण नहीं है,

यह जिंदगी है ही ऐसी तुम्हारे  खेल का कोई मैदान नहीं है।।



Aaj ehsaas khuchh khas nhi hai 

Jiska intejar hai wo waqt mere paas nhi hai .....


Taano ne jamane k har saksh ko bolna sikhaya hai ..

Kaam ka na kaaj ka dusman anaaj ka din raat yhi btaya hai ..


Kher tum anjaan ho ...

Mahaan hoke v naadan ho ..


Bol tumhare hothon ke ..mere kmjor hone ke parmaan nhi hai ..

yeh jindagi hai hi esi.Tumhare khel ka koi medaan nhi hai ..

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Thursday, June 17, 2021

साहिल पर ही ठहर गए तुम।।Sad shayari - ITSDPKTYM

 

ITSDPKTYM.  


मंजिल समंदर पार थी,

साहिल पर ही ठहर गए तुम।

दिल में चढ़ने से पहले ही नजर से उतर गए तुम।।


तुम दुनिया से अलग हो ,

यह सोच कर आंखों ने कुछ ख्वाब सजाए थे

मगर यह आंखें रो गई।

दादी कहती थी 4 दिन की चांदनी, फिर अंधेरी रात

😁

लो हो गई।।🥳


Manzil samandar paar thi , 

Shaahil par hi theher gye tum.

    Dil mein chadhne se phle ,

    Nazar se utar gaye tum .


Tum Duniya se alag ho 

Ye sochkar aankho ne kuchh khwab sajaye the ,

Magar yeh Aankhen ro gayi ...

     Daadi kehti thi char din ki chandani fir andheri raat ...

      Lo Ho gayi 



Thanks 


Itsdpktym

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Friday, June 4, 2021

फिरोजशाह तुगलक || Tughlaq dynasty- itsdpktym



फिरोजशाह तुगलक मुहम्मदबिन तुगलक के भाई थे । 13 मार्च 1351 ई को मुहम्मदबिन तुगलक की मृत्यु के बाद थट्टा  मे फिरोजशाह तुगलक का राज्य अभिषेक हुआ । पुनः अगस्त 1351 ई मे दिल्ली में इनका राज्याभिषेक हुआ । इन्हे कासिम अमीर उल मोमिन की उपाधि मिली थी ।

फिरोजशाह तुगलक मुख्य कार्य :-

फिरोजशाह तुगलक


Ø  24 कष्टदायक करों को हटकर मात्र चार करों को रखा था :-

 

·         खराज कर(लगान )

·         खुम्स कर (लूट के धन )

·         जाजीया  कर

·         जकात कर

Ø  फिरोजशाह तुगलक पहले राजा  थे जिसने ब्राह्मणों पर जाजीया  कर  लगाया था । सिचाई कर को फिरोजशाह तुगलक ने लगाया था , वो उपज का  1/10 भाग लेता था ।

Ø  सिचाई के लिए 5 नहरों का निर्माण कराया था ।

Ø  फिरोजशाह तुगलक ने 300 नगरों  का निर्माण कराया था ।

जिसमे 5 प्रमुख थे :-  

·         हिसार

·         फीरोजाबाद (दिल्ली में )

·         फतेहाबाद

·         जौनपुर

·         फिरोजपुर

Ø  खीजराबाद (टोपर गाँव ) एवं मेरठ से अशोक के दो स्तंभों को लाकर दिल्ली में स्थापित किया था ।

Ø  फिरोजशाह तुगलक ने दो मुख्य विभागों का गठन किया था :-

दीवान –ए – खेरात

इस विभाग में मुसहलीं अनाथ महिलाओं , विधवाओं को शरण दी जाती थी । 


दिवान –ए-बंदगान

गुलामों की देखभाल दीवाने बंदगान के अंतर्गत होती थी । 


 


Ø  सल्तनतकालीन में फिरोजशाह तुगलक ऐसे एक मात्र शासक थे जिनके पास सबसे अधिक गुलाम थे ।

                गुलामों की संख्या 1,80,000  थी ।

Ø  अलउद्दीन खिलजी ने सेनीयपदों को स्थायी करत दिया था और फिरोजशाहतुगलक ने  ईसे वंशानुगत करत दिया था ।

फिरोजशाह तुगलक की रचनाएं :-

·         फिरोजशाह तुगलक ने अपनी आत्मकथा फ़तूहात –ए – फिरोजशाही की रचना की ।

·         ज्वालामुखी मंदिर से 1300 ग्रंथों को लूटकर  उपाउद्दीन के द्वारा फारषी  मे अनुवाद कराया गया , जिसका नाम दलायाते फिरोजशाही रखा गया ।

·         फिरोजशाह तुगलक द्वारा तांबे से बने सिक्कों को चलाया गया जिसे अद्ध एवं विख कहा गया ।

·         दिल्ली में कोटला फिरोजशाह दुर्ग का निर्माण कराया  गया ।

·         खां –ए-जहां तेलंगाना मस्जिद का  निर्माण फिरोजशाह के काल में हुआ था जिसकी तुलना जेरूसलम के उम्र के मस्जिद से की जाती है ।

·         फिरोजशाह तुगलक ने  जियाउद्दीन बरनी एवं शम्स – ए- शिराज  को अपने यह शरण दी थी ।

·         1378 में फिरोजशाह तुगलक की मृत्यु हुई थी ।

 

 


 


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